गोस्वामी संप्रदाय क्या है? What is Goswami Sampradaya-2023
What is Goswami Sampradaya-2023
इस आर्टिकल में हम गोस्वामी संप्रदाय के बारे में सारी जानकारी आपसे सांझा करने जा रहे है अपने कभी न कभी गोस्वामी संप्रयाद के बारे में जरूर में जरूर सुना होगा गोस्वामी संप्रदाय की जड़े विश्वगुरु संकराचार्य जी से भी मिलती है ऐसा कहा जाता है उन्होंने स्वयं इस संप्रदाय का निर्माण किया था.
गोस्वामी कौन सी जाति होती है?
प्रायः गोस्वामी एक भारतीय जाति मानी जाती है या भारत की सबसे सम्मानित जातियों में से एक है गोस्वामी एक भारतीय ब्राह्मण उपनाम है गोस्वामी को कही कही पे लोग गोसाई, गुसाईं इत्यादि से भी बुलाया करते है यह उच्चारण भेद मात्र है मतलब एक ही है .
गोस्वामी जाति का गोत्र क्या होता है?
गोस्वामी जाति के गोत्र की बात करे तो मुख्य रूप से ये भारद्वाज गोत्र के होते है लेकिन कई गोस्वामी ब्राह्मण तो सांडिल्य गोत्र के भी होता है.
What is Goswami Sampradaya-2023
गोस्वामी और ब्राह्मण में कौन श्रेष्ठ है?
गोस्वामी ब्राह्मण में ही आते है गोस्वामी एक उच्च कोटि के ब्राह्मण माने जाते है इनके पास वेदो पुराणों और सनातन ग्रंथ की काफी जानकारी होते है .
गोस्वामी का शब्दकिक अर्थ क्या है ?
यदि हम गोस्वामी का संधि विच्छेद करे तो गो का अर्थ होता है इंद्रिया और स्वामी का अर्थ होता है मालिक इसका पूरा अर्थ हुआ ऐसा व्यक्ति जो दसों इन्द्रियों का स्वामी हो गोस्वामी कहलाता है . गोस्वामी को सभी वर्णों में सर्वश्रेष्ठ कहा गया है ये सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण वर्ण कहलाते है और सभी वर्णों का मार्ग दर्शन है.
गोस्वामी को क्या कहते हैं?
प्रायः गोस्वामी हिन्दू साधुओं एवम भिक्षुओं का एक सम्प्रदाय होता है. देखा जाए तो ‘गोस्वामी’ संस्कृत के मूल शब्द ‘गोस्वामिन्’ से व्युत्पन्न होता है, इसके अन्य तद्भव रूप ‘गुसाईं’, ‘गोसाईं’, ‘गोसामी’ आदि पाए जाते हैं.
गोस्वामी ओबीसी में है?
कुछ राज्यों में गोस्वामी ओबीसी में आते है वही कुछ राज्यों में गोस्वामी सामान्य श्रेणी में आते है असम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, बिहार अधिसूचित सामान्य श्रेणियों में केंद्रीय सूची के अंतर्गत आते है वही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड झारखंड, राजस्थान, गुजरात ओबीसी में आते है .
What is Goswami Sampradaya?
गोस्वामी संप्रदाय की कुल देवी कौन है ?
गिरि का गोत्र क्या है?
गिरि के गोत्र के बारे में तो ये सांडिल्य गोत्र के होते है.
गिरी जाति का इतिहास
गोस्वामी ब्राह्मण में उच्च कोटि होती है गिरि ब्राह्मण की और गोस्वामी संप्रदाय की शुरूवात स्वयं आदिगुरु शंकराचार्य जी ने किया था जब धर्म को बहुत हानि हो गई थी और वेदों का अपमान करना चलन बन गया था उस वक्त शंकराचार्य जी ने गोस्वामी संप्रदाय की स्थापना की ताकि सनातन धर्म का प्रचार प्रसार पूर्ण रूप से किया जा सके.
गोस्वामी संप्रदाय में कितनी उपजातियां होती है ?
शंकाराचार्य ने गोस्वाई संप्रदाय में कुल दस उपजातियां बनाई जो कुछ इस प्रकार है गिरि,पूरी, भारती,अरण्य,वन,पर्वत,सागर,तीर्थ,आश्रम और सरस्वती.
दसनाम गोस्वामी क्या है?
दसनाम गोस्वामी जाति में गिरि,पूरी, भारती,अरण्य,वन,पर्वत,सागर,तीर्थ,आश्रम और सरस्वती है. राजस्थान राज्य की बार करे तो वहा अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा जारी सूची में क्रमाक 11 के आगे दसनाम गोस्वामी आरक्षण जाति में जुड़ा हुआ है. जिसकी अधिकारिक सूचना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर ने द्वारा जारी की गई है.
क्या गोस्वामी पुजारी ब्राह्मण होते हैं?
कई मंदिरों में पुजारी गोस्वामी संप्रदाय के होते है एवम मठों में गोस्वामी महंथ के रूप में जाने जातें है .
गोस्वामी किसकी पूजा करते है ?
सामान्य रूप से गोस्वामी शैव संप्रदाय की पूजा करते है ये भोले के पुजारी माने जाते है और यह वैष्णव संप्रदाय में भी अपनी पूर्ण आस्था रखते है और नमो नारायण का नारा लगाया करते है .
What is Goswami Sampradaya-2023