नवरात्रि की शुरुआत कैसे हुई, जानकर चोक जायेगे 

नवरात्रि की शुरुआत कैसे हुई, जानकर चोक जायेगे 

नवरात्रि की शुरुआत में, लोग अपने घरों को सजाकर सजीव देवी माता के आगमन का स्वागत करते हैं।

नवरात्रि की शुरुआत में, लोग अपने घरों को सजाकर सजीव देवी माता के आगमन का स्वागत करते हैं।  

इस अवसर पर विभिन्न प्रकार की पूजा, आराधना, भजन-कीर्तन आदि किए जाते हैं।

इस अवसर पर विभिन्न प्रकार की पूजा, आराधना, भजन-कीर्तन आदि किए जाते हैं। 

नौ दिनों तक नौ रूपों की पूजा के बाद, दशमी तिथि पर दुर्गा विसर्जन (विदाई) का आयोजन किया जाता है,

नौ दिनों तक नौ रूपों की पूजा के बाद, दशमी तिथि पर दुर्गा विसर्जन (विदाई) का आयोजन किया जाता है, 

जो माता दुर्गा के विदाय का समय होता है।

जो माता दुर्गा के विदाय का समय होता है। 

इस दिन भयानक रूप दुर्गा पूजन के बाद माता दुर्गा की मूर्ति को सर्वोच्च आदित्य में समाहित किया जाता है।

इस दिन भयानक रूप दुर्गा पूजन के बाद माता दुर्गा की मूर्ति को सर्वोच्च आदित्य में समाहित किया जाता है। 

नवरात्रि भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है और इसे धार्मिक और सांस्कृतिक धृमिक के साथ मनाया जाता है।

नवरात्रि भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है और इसे धार्मिक और सांस्कृतिक धृमिक के साथ मनाया जाता है।  

यह एक आनंददायक और भक्तिपूर्ण अवसर है जो माता दुर्गा की पूजा और उनके नौ रूपों के आराधना के साथ मनाया जाता है।

यह एक आनंददायक और भक्तिपूर्ण अवसर है जो माता दुर्गा की पूजा और उनके नौ रूपों के आराधना के साथ मनाया जाता है।